आज, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता और यूरोपीय स्वतंत्रता की आड़ में, मुसलमानों की आम आस्था और इस्लामी अध्यात्मवाद के पवित्र प्रतीकों पर यूरोप में हमला हो रहा है।
'स्वतंत्रतावादी' (और 'मुक्त') व्यक्तियों की 'रचनात्मक भावना' सीमाओं की किसी भी धारणा का सम्मान नहीं करती है। न ही वे किसी भी प्रकार की रोक-टोक को स्वीकार करते हैं। कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों का विरोध करने के नाम पर, यूरोपीय प्रेस इस्लाम के संस्थापक, पवित्र पैगंबर (स.अ.) को निशाना बना रहा है, दुनिया भर में लाखों-करोड़ों आम मुसलमानों की आध्यात्मिक संवेदनशीलता को चोट पहुंचा रहा है, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन, यहां तक कि हिंसा और पुलिस झड़पें और प्रदर्शन हो रहे हैं। जब कोई समाज स्वतंत्रता को अपने सिर पर लाद लेता है और मन की अराजक यात्रा को प्रोत्साहित करता है, तो वह अपने साथ कुछ नकारात्मक परिणामों को भी आमंत्रित करता है। यही कारण है कि अधिकांश सभ्य समाजों में, उचित संयम (restraints) और आनुपातिकता (proportionality) की धारणाएं सामाजिक व्यवस्था को व्यवहार में बनाए रखने के लिए न्यायिक परीक्षणों का हिस्सा हैं। स्वयं को अभिव्यक्त करने की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को दूसरों की आस्था और भावनाओं का दुरुपयोग करने की स्वतंत्रता के साथ भ्रमित करना, सामाजिक संकट और सांप्रदायिक विद्वेष को आमंत्रित करने का एक निश्चित तरीका है।
यूरोप में मुस्लिम प्रवासियों के खिलाफ नफरत का हालिया विस्फोट और विशेष रूप से, डेनमार्क, स्वीडन “नेरिकेस अल्लेहंदा” {“Nerikes Allehanda”} (अगस्त के अंत में) और फ्रांस “चार्ली हेब्दो” {“Charlie Hebdo”} (नवंबर 2011) में हजरत मुहम्मद (स.अ.व स) के पवित्र व्यक्ति पर अधिक घृणित कार्टूनों का विस्फोट इसी पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए। जबकि स्वीडिश अखबार ने इस्लाम के पवित्र पैगंबर को एक कुत्ते के रूप में चित्रित किया है (भगवान न करे!), फ्रांसीसी पत्रिका ने "अतिथि संपादक" {“guest editor”} के रूप में कवर पर पैगंबर मुहम्मद का कार्टून दिखाया है।
उन्होंने आगे चेतावनी दी:
'वास्तव में जरूरत इस बात की है कि आप महान विपत्ति, विनाश और दैवी दंड से डरें; यह एक कठोर दण्ड है जो सर्वशक्तिमान ईश्वर की ओर से है, यदि तुम पश्चाताप न करो। यदि आप ईश्वर के पवित्र पैगंबर की पवित्र प्रतिष्ठा को कलंकित करना जारी रखते हैं, तो ईश्वर स्वयं आपसे निपटेंगे। सर्वशक्तिमान ईश्वर ने पवित्र कुरान के अध्याय 21 "पैगंबरों" में कहा है: 'और हमने अत्याचार करने वाली कितनी बस्तियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, और उनके बाद दूसरे लोगों को खड़ा किया!' इसलिए पवित्र कुरान की इस आयत पर अच्छी तरह से विचार करें इससे पहले कि बहुत देर हो जाए"।
संदेश की बुद्धिमत्ता से लाभ उठाने के बजाय, व्यंग्यकार दुनिया के सामने अपने अपराध को और अधिक उजागर कर रहे हैं। 07 दिसंबर 2011 को एक ईश्वरीय संदेश में हजरत खलीफतुल्लाह (अ त ब अ) ने अपनी चेतावनियों को दोहराया और यह संदेश दिया: 'इन लोगों ने जो किया है उसके बाद उनके परिणाम गंभीर होंगे। अल्लाह तआला उन्हें उस तरह से पकड़ लेगा जिस तरह से उन्होंने उसके प्यारे रसूल (स.अ.व.स) का चित्रण किया है। ये अभागे लोग भयंकर आग में जलेंगे, और न तो मरेंगे और न ही जीवित रहेंगे। ईश्वरीय शाप इस संसार में उनका पीछा करेगा जब तक कि उनका अंतिम विनाश न हो जाए।'
The previous warnings (to Danish culprits) can be found in section “Letters” on the Official Website and can be read here and here.
पिछली चेतावनियाँ (डेनमार्क के अपराधियों के लिए) आधिकारिक वेबसाइट पर “पत्र” [“Letters”] अनुभाग [section] में पाई जा सकती हैं और यहाँ और यहाँ पढ़ी जा सकती हैं।